नयी दिल्ली: ब्रिटेन में कोरोना वायरस के अधिक संक्रामक स्वरूप के पाये जाने के बाद से पूरी दुनिया में खौफ का नया माहौल बन गया है और भारत में भी इसे लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गत ब्रिटेन से भारत आये यात्रियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य करने के साथ ही कई दिशा-निर्देश (एसओपी) गत 22 दिसंबर को जारी किये थे। इसके बाद 29 दिसंबर को आयोजित स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता में भी कोरोना के नये वैरिएंट के भारत में पाये जाने पर चिंतायें जतायी गयीं तथा सभी लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गयी।
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आज फिर स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सभी राज्यों को इस बाबत पत्र लिखा है कि वे गत 22 दिसंबर को जारी किये एसओपी का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करें।
लव अग्रवाल ने कहा है कि एसओपी के मुताबिक 21 से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आये सभी यात्रियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य है। अगर किसी यात्री का नमूना पॉजिटिव पाया जाता है , तो उनके नमूने का स्पाइक जीन आधारित आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाये। जो यात्री पॉजिटिव पाये जायें , उन्हें पृथक आइसोलेशन फैसिलिटी में रखा जाये, जिनका समन्वयन संबंधित राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों से होगा।
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फैसिलिटी के स्तर पर ही नमूनों को जिनोम सिक्वेंसिंग यानी जीनोम अनुक्रमण के लिए इन्साकॉग के विभिन्न लैब में भेजा जायेगा। अगर जीनोम अनुक्रमण से पता चलता है कि , उक्त यात्री नये कोरोना वैरिएंट से संक्रमित है तो उन्हें पृथक आइसोलेशन में ही रखा जायेगा तथा उनका उपचार क्लीनिकल प्रोटोकॉल के तहत होगा।
होम क्वारंटीन की दी गई है सलाह
ब्रिटेन से आये जो यात्री कोरोना के नये वैरिएंट से संक्रमित पाये जायें, उनके संपर्क में आये सभी व्यक्तियों को भी पृथक संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाये और आईसीएमआर के निर्देशों के अनुसार, उनकी जांच की जाये। पॉजिटिव पाये जाने वाले यात्रियों के संपर्क में आये व्यक्तियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट संपर्क में आने से पांचवें से दसवें दिन के बीच होना चाहिए।
ब्रिटेन से आये जो यात्री निगेटिव पाये जायें, उन्हें घर में क्वारंटीन में रहने की सलाह दी जाये। इसके अलावा जो भी यात्री गत एक माह के दौरान ब्रिटेन से भारत आये हैं, उनके जिला निगरानी अधिकारी संपर्क स्थापित करें तथा समुदाय में उनकी निगरानी करेंगे। इन सभी यात्रियों का भी आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आये जिन यात्रियों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी, उनमें से अब तक 20 यात्री कोरोना के नये वैरिएंट से संक्रमित पाये गये हैं।