बीकानेर। भारत पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध में मिली जीत का जश्न पहली बार भारत पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर विजय दिवस के रूप में मनाया गया। विजय दिवस के मौके पर बॉर्डर पर भयंकर घने कोहरे और फ्लड लाईट के बीच बैटन लेकर 180 किलोमीटर तक बॉर्डर पोस्ट कावेरी से अनूपगढ़ तक बीएसएफ के जवान दौड़े।
कल रात्रि 12 बजे बीएसएफ बीकानेर सैक्टर के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बैटन देकर जवानों को रवाना किया। भारत-पाकिस्तान 1971 युद्ध के विजय होने के बाद बीएसएफ द्वारा पहली दफा विजय दिवस मनाने के उपलक्ष्य पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत बीएसएफ के जवान बॉर्डर पर तारबंदी के साथ-साथ कच्ची पक्की सड़कों तथा रेत के टीलों के पास दौड़ कर पार करते हुए 180 किलोमीटर का रास्ता मात्र 11 घंटों में तय कर अनूपगढ़ की कैलाश पोस्ट पर पहुंचे।
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इस दौड़ में अधिक से अधिक जवानों की भागीदारी हो इसके लिए प्रत्येक लगभग हर जवान अपनी पूरी ताकत के साथ लगभग 400 से 500 मीटर दौड़ा। इस दौरान पेट्रोलिंग भी करते दिखे जवानों ने बैटन को हाथ में लेकर दौडने को लालयित नजर आया। बैटन रिले रेस में करीब आठ सौ पुरुष एवं महिला जवानों ने हिस्सा लिया। जिसमें बीएसएफ के सामान्य जवान से लेकर कमांडेंट तक सभी ने बारी-बारी से बैटन टॉर्च को हाथ में लेकर दौड़ लगाई।
डीआईजी राठौड़ ने बताया कि बॉर्डर की कावेरी पोस्ट (खाजूवाला) से अनूपगढ़ के बीच पूरे रास्ते गहरा कोहरा छाया रहा। इस बीच जवान अपनी नियमित वर्दी में दौड़े। हर कोई हाथ आगे बढ़ाकर बैटन टॉर्च को अपने हाथ में लेने को उत्साहित था। कोहरा इतना ज्यादा था कि सौ मीटर तक कोई नजर नहीं आ रहा था।
वार्ता