बिलसंडा। मीरपुर ढकरिया गांव में झंपाबाग मंदिर के महंत की मौत के मामले में पोस्टमार्टम के बाद विसरा सुरक्षित किए जाने पर पुलिस भले ही इसे बीमारी से मौत मान रही हो, लेकिन साधु-संत अभी भी इस मामले को हत्या बता रहे हैं। ग्राम प्रधान के खिलाफ नामजद तहरीर पुलिस को दी गई। इसमें एक पुराने विवाद का हवाला देते हुए महंत की हत्या करने का आरोप लगाया गया है।
मूल रुप से आगरा के रहने वाले महंत लाल गिरि करीब ढाई दशक से मीरपुर ढकरिया के झंपाबाग मंदिर में रहते थे। शनिवार सुबह उनका शव मंदिर परिसर में तख्त पर मिला था। इसकी सूचना मिलने पर आसपास के कई मंदिरों के साधु-संत वहां पहुंच गए थे और हत्या की आशंका जताई थी।
इस पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट न होने पर विसरा सुरक्षित कर लिया गया था। दूसरे दिन रविवार सुबह इस मामले में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्ष महंत सत्यगिरि ने थाने में तहरीर दी।
इसमें बताया कि मंदिर की जमीन पर पेड़ काटने को लेकर कई बार मीरपुर ढकरिया के ग्राम प्रधान से विवाद हुआ था। यह मामला न्यायालय में भी गया। इसी की रंजिश के चलते प्रधान कई बार धमका चुका था। अब साथियों संग मिलकर हत्या करने का आरोप लगाया।
उधर, जूना अखाड़ा के प्रवक्ता लाल बाबा ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की। इंस्पेक्टर नरेश कश्यप ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महंत के शरीर पर कोई चोट नहीं मिली है। मौत की वजह भी स्पष्ट नहीं है। ऐसे में विसरा रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। फिलहाल दी गई तहरीर पर जांच कराई जा रही है।