आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया है। कोलकाता के सियालदह की सत्र अदालत ने जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 (बलात्कार के लिए सजा), 66 (मृत्यु का कारण बनने के लिए सजा) और 103 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया। सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने मुकदमा शुरू होने के 57 दिन बाद फैसला सुनाया। जज ने संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए अपनी टिप्पणी में कहा, ‘तुम्हें सजा मिलनी ही चाहिए।
अदालत 20 जनवरी को संजय रॉय के सजा का ऐलान करेगी. उसे तब तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस केस के बाद देशभर में रोष फैल गया था और कोलकाता में लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन चला था, जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टर और चिकित्साकर्मी शामिल थे।
50 लोगों की गवाही, 162 दिन बाद मिला न्याय
इस मामले की 12 नवंबर को बंद कमरे में सुनवाई शुरू हुई थी और कुल 50 गवाहों से पूछताछ की गई थी। 9 जनवरी को इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय है। पुलिस ने 9 अगस्त को हुई घटना के फौरन बाद 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था। पीड़ित के शरीर के पास पाए गए एक ब्लूटूथ ईयरफोन के कारण पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया था क्योंकि संजय रॉय को सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में गले में डिवाइस के साथ सेमिनार हॉल में प्रवेश करते देखा गया था।
सीबीआई ने की है सजा-ए-मौत की मांग
CBI ने मुख्य आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की है। बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में सबूत नष्ट करने के कथित प्रयासों के लिए आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन अधिकारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया था। घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के आधार पर जांच कर रहा है। हालांकि बाद में घोष और मंडल को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।